IPL 2025: सुनील नरेन के निशाने पर तीसरा सबसे सफल गेंदबाज बनने का रिकॉर्ड, पीयूष चावला के विकेट आंकड़े पर नजर

IPL 2025: सुनील नरेन के निशाने पर तीसरा सबसे सफल गेंदबाज बनने का रिकॉर्ड, पीयूष चावला के विकेट आंकड़े पर नजर

IPL 2025 में सुनील नरेन: तीसरे सबसे सफल गेंदबाज बनने की रेस

आईपीएल का मंच हमेशा ही बड़े रिकॉर्ड और धमाकेदार प्रदर्शन के लिए जाना जाता है। इस बार, सबकी नजरें वेस्टइंडीज के ऑलराउंडर सुनील नरेन पर टिकी हुई हैं, जो IPL 2025 में तीसरे सबसे सफल गेंदबाज बनने के बेहद करीब पहुंच गए हैं। नरेन के नाम फिलहाल 192 विकेट दर्ज हैं, जबकि सामने हैं पीयूष चावला, जिनके खाते में 171 विकेट हैं। नरेन को महज कुछ और विकेट चाहिए, और वह इतिहास में तीसरे नंबर पर अपनी जगह बना लेंगे।

33 साल की उम्र में भी नरेन की कामयाबी बाकी खिलाड़ियों के लिए इंस्पिरेशन है। 2024 के सीज़न में जब उन्होंने न सिर्फ 500 रन, बल्कि 15 विकेट भी चटकाए, तो क्रिकेट के जानकारों को चौंका दिया। आईपीएल के पूरे इतिहास में कोई भी खिलाड़ी ऐसा कमाल नहीं कर पाया। उनका बल्ले से स्ट्राइक रेट 166.51 और टर्निंग गेंदों पर इकॉनमी रेट 6.10, ये संख्याएं किसी के भी होश उड़ा सकती हैं। यही वजह है कि कोलकाता नाइट राइडर्स के लिए वो एक साथ दो रोल निभाते हैं—विस्फोटक बल्लेबाज और खतरनाक गेंदबाज।

ऑलराउंडर का दम: एक मैच विनर दोनों मोर्चे पर

2025 के नए सीज़न में सुनील नरेन ने फिर साबित किया कि वे सिर्फ नाम नहीं, बल्कि काम के खिलाड़ी हैं। शुरुआती मुकाबलों में ही 16 गेंदों पर 31* और 18 गेंदों पर 44* जैसे ताबड़तोड़ स्कोर से उन्होंने KKR को मजबूत शुरुआत दिलाई। वहीं गेंदबाजी में कसी हुई लाइन-लेंथ और खतरनाक वेरिएशन्स से बल्लेबाजों के लिए उनसे रन निकालना मुश्किल हो गया।

आईपीएल का हर सीजन नए चैलेंज लेकर आता है और नए रिकॉर्ड्स टूटते-गठते रहते हैं। सुनील नरेन के लिए भी यह सफर आसान नहीं रहा है। उनकी उम्र 36 हो चुकी है और नई प्रतिभाएं हर साल लीग में उतरती हैं, फिर भी उनका टॉप-3 में जगह बनाना उनके अनुभव और फिटनेस का सबूत है। नरेन के मंझे हुए एक्शन और विविधता की बदौलत कोलकाता नाइट राइडर्स उनकी सेवाओं पर लगातार भरोसा जताते हैं।

लंबे समय से टीम के साथ जुड़े नरेन को कभी गेंदबाजी में, तो कभी ओपनिंग बैट्समैन के तौर पर मौका मिला। आईपीएल के सुलझे फॉर्मेट में वह दोनों भूमिकाओं को बखूबी निभाते रहे हैं। हर बार जब टीम को ब्रेकथ्रू की जरूरत पड़ती है, कप्तान उनकी ओर रुख करते हैं। आगे आने वाले मुकाबलों में अगर वह अपनी इस लय को कायम रख पाए, तो तीसरे नंबर पर आना तय है।