हाल ही में भारत और दक्षिण अफ्रीका के बीच खेली जा रही टी20 सीरीज की दूसरी मैच में भारतीय टीम की बल्लेबाजी पर गंभीर सवाल उठाए गए हैं। खासकर भारतीय ऑलराउंडर हार्दिक पांड्या की धीमी पारी को लेकर पूर्व पाकिस्तानी बल्लेबाज बासित अली ने स्पष्ट रूप से आलोचना की है। बासित का कहना है कि हार्दिक का 39 रनों की नाबाद पारी जो 45 गेंदों पर खेली गई, आवश्यक नहीं थी, और यह भारतीय टीम को एक चुनौतीपूर्ण स्कोर खड़ा करने में विफल रखी।
यह मुकाबला महत्वपूर्ण था क्योंकि भारतीय टीम को दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ इस सीरीज में खतरनाक शुरुआत के बावजूद जीत हासिल करने में कठिनाई हुई। जितनी देर हार्दिक क्रीज पर थे, उनकी स्ट्राइक रेट 100 से नीचे रही। इस धीमी बल्लेबाजी का असर यह हुआ कि भारतीय टीम केवल 124 रन पर 6 विकेट खोकर ही सिमट गई। दक्षिण अफ्रीका की ओर से ट्रिस्टन स्टब्स की 41 गेंदों पर नाबाद 47 रनों की पारी ने उन्हें एक ज्यादा सहज जीत दिलाई।
बासित अली ने उस विशेष क्षण को इंगित किया जब ऑन स्ट्राइक होते हुए हार्दिक ने अंतिम ओवरों में सिंगल लेने से परहेज किया, जो उनके अनुसार साफ तौर पर 'टीम के प्रति स्वार्थी' रवैया दिखाता है। यह समझने की बात है कि आखिर एक मैच के दौरान क्या रणनीतिक कदम उठाए जाने चाहिए। जब टीम केवल 6 विकेट खो चुकी हो, तब एक उच्च श्रेणी के बल्लेबाज से उम्मीद की जाती है कि वह अपने कूल्हे खोलकर खेलते हुए तेजी से रन बनाए। खिलाड़ियों का यह संकेत कि वे आगामी इंडियन प्रीमियर लीग (आईपीएल) की तैयारी कर रहे हैं, मैच के दौरान यह देखते हुए अनुचित है।
बासित ने पांड्या की तुलना में लालसिर अक्षर पटेल की 27 रन की पारी की प्रशंसा की, जो सिर्फ 21 गेंदों पर तैयार हुई। अक्षर ने दिखाया कि कैसे कम समय में भी एक महत्वपूर्ण योगदान दिया जा सकता है। बीते मुकाबले के पहले टी20 मुकाबले में भारत की बल्लेबाजी जोरदार रही और संजू सैमसन की शतक पारी ने टीम को जीत दिलाई थी। परंतु इस मैच में भारतीय बल्लेबाजों की संकोचपूर्ण प्रदर्शन से यह संकेत मिलता है कि टीम को एक संतुलित, सामंजस्यपूर्ण रवैया अपनाने की जरूरत है।
दोनों टीमें अब इस सीरीज में 1-1 की बराबरी पर हैं और दोनों के पास दो मुकाबले और हैं। यह देखना दिलचस्प होगा कि क्या भारतीय बल्लेबाज अपनी गति और शैली में बदलाव लाते हैं अथवा नहीं। आगामी मैचों में प्रदर्शन सुधारना अनिवार्य होगा ताकि सीरीज जीतने के अवसर को भुनाया जा सके।
हार्दिक पांड्या का यह मैच प्रदर्शन खेल विशेषज्ञों और दर्शकों के बीच व्यापक चर्चा का विषय बन गया है। यह समझना आवश्यक है कि एक खिलाड़ी की व्यक्तिगत खेल योजनाएं टीम की नीति या आवश्यकताओं पर हावी नहीं होनी चाहिए। एकजुट प्रयास और सामूहिक स्ट्रेटेजी के आधार पर ही किसी भी खेल टीम की जीत सुनिश्चित की जा सकती है।