जब आखिरी गेंद बाउंड्री के पार नहीं गई, तो भारतीय क्रिकेट फैंस का दिल टूट गया। बांग्लादेश ए ने भारत ए को सुपर ओवर में बिना किसी रन के हरा दिया — एक ऐसा नतीजा जिसे कोई नहीं सोच सकता था। यह रोमांचक मुकाबला 21 नवंबर 2025 को दोहा के वेस्ट एंड पार्क इंटरनेशनल क्रिकेट स्टेडियम में खेला गया, जहां दोनों टीमों ने 20 ओवर में 194 रन बनाए, लेकिन अंत में सिर्फ एक वाइड गेंद ने भारत के सपनों को धूल चटा दिया।
टॉस और पहली पारी: बांग्लादेश का बल्लेबाजी बवंडर
टॉस जीतकर भारत ए के कप्तान जितेश शर्मा ने पहले गेंदबाजी करने का फैसला किया — एक ताकतवर चुनाव, लेकिन जो अंत में उलट पलट गया। बांग्लादेश ए ने अपनी पारी की शुरुआत धीमे लेकिन ठोस तरीके से की। फिर आया हबीबुर रहमान — जिसने 46 गेंदों पर 65 रन बनाए, जिसमें पांच छक्के और तीन चौके शामिल थे। उनका अर्धशतक 32 गेंदों में आया, और वो बस एक ऐसा बल्लेबाज था जिसने मैच का रुख बदल दिया।
उनके साथ एसएम मेहरोब ने 18 गेंदों में नाबाद 48 रन जोड़े — छह छक्के और एक चौका। जब बाकी बल्लेबाज बर्बाद हो रहे थे, तो ये दोनों ने बाकी टीम को बचाया। जिशान आलम ने भी 14 गेंदों में 26 रन बनाए, लेकिन जब अकबर अली (कप्तान) 10 गेंदों में 9 रन बनाकर आउट हुए, तो भारत के गेंदबाजों को लगा कि अब जीत उनके हाथ में है।
भारत का पीछा: आशा से निराशा तक
भारत ए की शुरुआत बेहतरीन रही। ओपनर्स ने पहले 10 ओवर में 70 रन बनाए, लेकिन फिर बल्लेबाजी धीमी पड़ गई। विकेट लगातार गिरते रहे — एक के बाद एक। जब आखिरी ओवर शुरू हुआ, तो भारत को 12 रन की जरूरत थी। दो रन बने, फिर तीन रन बने — लेकिन आखिरी गेंद पर जब हर्ष ने गेंद को ऑफ साइड की तरफ मारा, तो वो स्टंप्स को मिस कर गई। रन बने, लेकिन गेंद बाउंड्री के बाहर नहीं गई। टाई।
क्या ये एक गलती थी? नहीं। ये एक अनुभव था — जिसने भारत के बल्लेबाजों को बताया कि टूर्नामेंट के अंतिम चरण में एक गलती भी बहुत बड़ी हो सकती है।
सुपर ओवर: एक वाइड गेंद ने बदल दिया इतिहास
सुपर ओवर में भारत ए को पहले बल्लेबाजी करनी पड़ी। और फिर — शून्य। एक भी रन नहीं। तीन गेंदें, तीन आउट। सुयष शर्मा की गेंद पर यासिर अली ने शॉट लगाया, लेकिन रमनदीप ने बाउंड्री पर शानदार कैच पकड़ लिया। दूसरी गेंद पर दूसरा आउट। तीसरी गेंद पर तीसरा। भारत की टीम बिना किसी रन के बाहर हो चुकी थी।
बांग्लादेश को सिर्फ एक रन की जरूरत थी। अकबर अली बल्लेबाजी के लिए उतरे। पहली गेंद — वाइड। आउट नहीं, रन मिल गया। बांग्लादेश ए ने जीत ली। बिना किसी चौके, बिना किसी छक्के — बस एक वाइड गेंद ने फाइनल का रास्ता खोल दिया।
क्यों ये हार इतनी गहरी लगी?
भारत ए की टीम इस टूर्नामेंट की टॉप प्रतियोगी थी। उनके बल्लेबाजों में टैलेंट था, गेंदबाजी में गहराई थी। लेकिन अंत में दिखा — अनुभव नहीं, तनाव ने फैसला किया। जब आखिरी ओवर में दो रन बनाने के बाद गेंद स्टंप्स को मिस कर गई, तो ये एक बड़ी गलती नहीं, बल्कि एक बड़े दबाव का नतीजा था।
बांग्लादेश ए ने इस मैच में जो चीज दिखाई, वो थी — अटूट टीमवर्क। हबीबुर ने बल्लेबाजी की बारी ली, मेहरोब ने फाइनल टच दिया, और गेंदबाजों ने अंत तक दबाव बनाए रखा। ये टीम ने सिर्फ रन नहीं बनाए, बल्कि दिमाग भी जीता।
अगला कदम: फाइनल के लिए तैयारी
अब बांग्लादेश ए फाइनल में पहुंच गई है, जहां उनका सामना दूसरे सेमीफाइनल के विजेता से होगा — जिसका नतीजा अभी घोषित नहीं हुआ। लेकिन ये जीत उनके लिए बस शुरुआत है। उन्होंने दिखा दिया कि भारत के खिलाफ भी वे जीत सकते हैं।
भारत के लिए अब सिर्फ एक ही बात बची है — अगले टूर्नामेंट के लिए सीखना। क्या बल्लेबाजों को अंतिम ओवरों में रन बनाने का अलग तरीका सिखाया जाए? क्या गेंदबाजों को बेहतर गेंदों के लिए ट्रेनिंग दी जाए? ये सवाल अब बीसीसीआई के बोर्ड रूम में गूंज रहे हैं।
फाइनल में क्या उम्मीद है?
बांग्लादेश ए की ये टीम अब एक अलग आत्मा लिए हुए है। उन्होंने न सिर्फ भारत को हराया, बल्कि अपने आप को एक बड़ी टीम के रूप में साबित कर दिया। फाइनल में उनका सामना उस टीम से होगा जो अभी तक अपनी जीत का रास्ता बना रही है। लेकिन अगर ये बांग्लादेश ए वैसा ही खेलती है, तो फाइनल उनका हो सकता है।
अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न
क्यों भारत ए टीम सुपर ओवर में एक भी रन नहीं बना पाई?
भारत ए की टीम ने अंतिम ओवर में दबाव में गलतियां कीं। तीन बल्लेबाजों ने लगातार आउट हो गए — दो गेंदबाज के सीधे गेंदों पर और एक बाउंड्री के पास फेंके गए शॉट से। इस तरह के दबाव में अनुभवी खिलाड़ी भी गलतियां कर लेते हैं। ये एक अनुभवी टीम के लिए भी एक बड़ा सबक था।
हबीबुर रहमान की पारी ने इस मैच का रुख कैसे बदला?
हबीबुर रहमान ने 46 गेंदों में 65 रन बनाकर बांग्लादेश की पारी को संभाला। जब टीम 5 विकेट पर 98 रन पर थी, तो उन्होंने अर्धशतक बनाकर दबाव बदल दिया। उनके छक्के ने भारतीय गेंदबाजों के मन में डर पैदा किया, और उनकी तेजी ने टीम को 194 रन तक पहुंचाया — जो आखिरी ओवर तक जीत के लिए काफी रहा।
सुपर ओवर में वाइड गेंद का फैसला किसने दिया?
वाइड गेंद का फैसला उस समय के अमीरात के अंतरराष्ट्रीय अंपायर ने दिया, जिन्होंने गेंद के डिलीवरी पॉइंट को देखकर यह निर्णय लिया कि गेंद बल्लेबाज के बाहर जा रही थी। इसके बाद बांग्लादेश को एक रन मिला, जिसने फाइनल में प्रवेश का रास्ता खोल दिया।
भारत ए टीम के लिए अगला टूर्नामेंट कब होगा?
भारत ए अगली बार एशिया कप राइजिंग स्टार्स 2026 में शामिल होगी, जो अगले साल श्रीलंका में आयोजित होगी। इस बीच, बीसीसीआई इस टीम के लिए एक विशेष ट्रेनिंग कैंप लगाएगा, जिसमें अंतिम ओवरों की रणनीति और दबाव में खेलने की क्षमता पर जोर दिया जाएगा।
क्या बांग्लादेश ए टीम के खिलाड़ी भविष्य में भारत के खिलाफ खेल सकते हैं?
हां, कई खिलाड़ी जैसे हबीबुर रहमान और एसएम मेहरोब अगले साल आईसीसी युवा विश्व कप में भारत के खिलाफ खेल सकते हैं। ये खिलाड़ी अब बांग्लादेश की टीम के लिए आशा के प्रतीक बन चुके हैं। उनकी इस जीत ने उन्हें अंतरराष्ट्रीय नजरों में लाया है।
क्या यह मैच भारतीय क्रिकेट के लिए एक मोड़ हो सकता है?
बिल्कुल। ये हार एक झटका है, लेकिन एक जागरूकता भी। भारत के युवा खिलाड़ियों को अब अंतिम ओवरों में रन बनाने की तकनीक, निर्णय लेने की क्षमता और दबाव में शांत रहने की आदत बनानी होगी। ये मैच शायद भारतीय क्रिकेट के युवा विकास के लिए एक महत्वपूर्ण मोड़ बन जाए।