प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने हाल ही में वाराणसी का दौरा किया, जो उनकी संसदीय क्षेत्र भी है। लोकसभा चुनावों के परिणाम घोषित होने के बाद यह उनकी पहली यात्रा थी, जिसे लेकर स्थानीय जनता में अपार उत्साह था। पीएम मोदी ने इस यात्रा का विशेष उद्देश्य पीएम किसान सम्मान निधि योजना की 17वीं किस्त जारी करना बताया, जिससे करोड़ों किसानों को सीधा लाभ मिलेगा।
इस योजना की 17वीं किस्त के रूप में नरेंद्र मोदी ने ₹20,000 करोड़ की राशि जारी की। यह किस्त देशभर के 9.26 करोड़ किसानों के बैंक खातों में जमा की जाएगी। कृषि मंत्रालय के अनुसार, इस कार्यक्रम में 2.5 करोड़ से अधिक किसानों ने भाग लिया, जिनमें से 732 कृषि विज्ञान केंद्रों, 5 लाख कॉमन सर्विस सेंटर्स, और 1 लाख से अधिक प्राथमिक कृषि सहकारी समितियों के किसान शामिल थे।
मोदी ने कहा कि पीएम किसान सम्मान निधि योजना दुनिया की सबसे बड़ी डायरेक्ट बेनिफिट ट्रांसफर स्कीम बन चुकी है। उन्होंने बताया कि इस योजना के तहत अब तक 3.25 लाख करोड़ रुपये किसानों के बैंक खातों में जमा किए जा चुके हैं। खासतौर पर उन्होंने वाराणसी के किसानों का उल्लेख करते हुए कहा कि इस शहर के किसानों के खातों में 700 करोड़ रुपये से अधिक की राशि जमा की गई है।
प्रधानमंत्री ने इस योजना के क्रियान्वयन में तकनीक के उपयोग पर विशेष जोर दिया। उन्होंने कहा कि किस्तों का त्वरित और सही लाभार्थियों तक पहुँचाने में तकनीक की अहम भूमिका रही है। सरकार ने योजनाओं को सरल बनाने के लिए कई सुधारात्मक कदम उठाए हैं, जिससे किसानों को लाभ पाने में किसी प्रकार की कठिनाई न हो।
मोदी ने जोर देकर कहा कि 'विकसित भारत संकल्प यात्रा' के दौरान 1 करोड़ से अधिक किसानों ने इस योजना से जुड़ने के लिए पंजीकरण कराया है। आगामी समय में भी इस तरह के अभियानों के माध्यम से सरकार किसानों के साथ सीधा संवाद स्थापित कर उन्हें जागरूक करेगी।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने संबोधन में यह भी कहा कि वे भारतीय खाद्द सामग्री और फलों को वैश्विक स्तर पर हर डाइनिंग टेबल पर देखना चाहते हैं। इससे न केवल किसानों की आय में वृद्धि होगी, बल्कि भारतीय उत्पादों की पहचान और प्रतिष्ठा भी अंतरराष्ट्रीय स्तर पर बढ़ेगी।
अपने अंतिम वक्तव्य में, मोदी ने वाराणसी में चल रहे विकास परियोजनाओं का भी जिक्र किया। उन्होंने कहा कि वाराणसी ने दिखा दिया है कि एक विरासत शहर भी आधुनिक शहरी विकास की नई गाथा लिख सकता है। वाराणसी में बुनियादी ढांचे के विकास से लेकर पर्यावरण संरक्षण तक हर क्षेत्र में नए मापदंड स्थापित हो रहे हैं।