पीएम किसान सम्मान निधि योजना: नरेंद्र मोदी ने वाराणसी में जारी की ₹20,000 करोड़ की 17वीं किस्त

पीएम किसान सम्मान निधि योजना: नरेंद्र मोदी ने वाराणसी में जारी की ₹20,000 करोड़ की 17वीं किस्त
के द्वारा प्रकाशित किया गया Manish Patel 18 जून 2024 18 टिप्पणि

वाराणसी में पीएम मोदी का आत्मीय स्वागत

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने हाल ही में वाराणसी का दौरा किया, जो उनकी संसदीय क्षेत्र भी है। लोकसभा चुनावों के परिणाम घोषित होने के बाद यह उनकी पहली यात्रा थी, जिसे लेकर स्थानीय जनता में अपार उत्साह था। पीएम मोदी ने इस यात्रा का विशेष उद्देश्य पीएम किसान सम्मान निधि योजना की 17वीं किस्त जारी करना बताया, जिससे करोड़ों किसानों को सीधा लाभ मिलेगा।

किसानों के लिए ऐतिहासिक कदम

इस योजना की 17वीं किस्त के रूप में नरेंद्र मोदी ने ₹20,000 करोड़ की राशि जारी की। यह किस्त देशभर के 9.26 करोड़ किसानों के बैंक खातों में जमा की जाएगी। कृषि मंत्रालय के अनुसार, इस कार्यक्रम में 2.5 करोड़ से अधिक किसानों ने भाग लिया, जिनमें से 732 कृषि विज्ञान केंद्रों, 5 लाख कॉमन सर्विस सेंटर्स, और 1 लाख से अधिक प्राथमिक कृषि सहकारी समितियों के किसान शामिल थे।

सबसे बड़ी डायरेक्ट बेनिफिट ट्रांसफर स्कीम

मोदी ने कहा कि पीएम किसान सम्मान निधि योजना दुनिया की सबसे बड़ी डायरेक्ट बेनिफिट ट्रांसफर स्कीम बन चुकी है। उन्होंने बताया कि इस योजना के तहत अब तक 3.25 लाख करोड़ रुपये किसानों के बैंक खातों में जमा किए जा चुके हैं। खासतौर पर उन्होंने वाराणसी के किसानों का उल्लेख करते हुए कहा कि इस शहर के किसानों के खातों में 700 करोड़ रुपये से अधिक की राशि जमा की गई है।

तकनीक का अद्वितीय उपयोग

तकनीक का अद्वितीय उपयोग

प्रधानमंत्री ने इस योजना के क्रियान्वयन में तकनीक के उपयोग पर विशेष जोर दिया। उन्होंने कहा कि किस्तों का त्वरित और सही लाभार्थियों तक पहुँचाने में तकनीक की अहम भूमिका रही है। सरकार ने योजनाओं को सरल बनाने के लिए कई सुधारात्मक कदम उठाए हैं, जिससे किसानों को लाभ पाने में किसी प्रकार की कठिनाई न हो।

विकसित भारत संकल्प यात्रा और किसानों का जुड़ाव

मोदी ने जोर देकर कहा कि 'विकसित भारत संकल्प यात्रा' के दौरान 1 करोड़ से अधिक किसानों ने इस योजना से जुड़ने के लिए पंजीकरण कराया है। आगामी समय में भी इस तरह के अभियानों के माध्यम से सरकार किसानों के साथ सीधा संवाद स्थापित कर उन्हें जागरूक करेगी।

भारतीय उत्पादों का वैश्विक पहचान

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने संबोधन में यह भी कहा कि वे भारतीय खाद्द सामग्री और फलों को वैश्विक स्तर पर हर डाइनिंग टेबल पर देखना चाहते हैं। इससे न केवल किसानों की आय में वृद्धि होगी, बल्कि भारतीय उत्पादों की पहचान और प्रतिष्ठा भी अंतरराष्ट्रीय स्तर पर बढ़ेगी।

वाराणसी का नया शहरी विकास

वाराणसी का नया शहरी विकास

अपने अंतिम वक्तव्य में, मोदी ने वाराणसी में चल रहे विकास परियोजनाओं का भी जिक्र किया। उन्होंने कहा कि वाराणसी ने दिखा दिया है कि एक विरासत शहर भी आधुनिक शहरी विकास की नई गाथा लिख सकता है। वाराणसी में बुनियादी ढांचे के विकास से लेकर पर्यावरण संरक्षण तक हर क्षेत्र में नए मापदंड स्थापित हो रहे हैं।

18 टिप्पणि

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    Hari Kiran

    जून 18, 2024 AT 20:00

    यह देखना बहुत खुशी की बात है कि किसान सम्मान निधि की 17वीं किस्त इतनी बड़ी राशि में जारी हुई। सीधे तौर पर किसान भाइयों को आर्थिक मदद मिलेगी और उनके खेतों में निवेश का भरोसा बढ़ेगा। हमें उम्मीद है कि इस फंड का सही उपयोग हो और बकाया भुगतान समय पर पहुँचे।

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    Hemant R. Joshi

    जून 18, 2024 AT 21:00

    पीएम किसान सम्मान निधि योजना का इतिहास काफी पुराना है और यह पहले ही कई बार किसानों को सशक्त बनाने में काम आया है। 17वीं किस्त में 20,000 करोड़ रुपये का आवंटन भारतीय कृषि क्षेत्र में एक बड़ी आर्थिक अंग प्रवाह को दर्शाता है। इस राशि का वितरण अधिकांशतः बैंकिंग प्रणाली के माध्यम से किया जाएगा, जिससे लेन-देन में पारदर्शिता सुनिश्चित होगी। तकनीकी रूप से यह योजना डिजिटल भुगतान, यूपीआई और एएफएस आदि के उपयोग से तेज़ और सुरक्षित बनी है। राष्ट्र के विभिन्न कोनों में किसानों ने इस योजना को अपनाया है, जो ग्रामीण वित्तीय समावेशन को बढ़ावा देता है। 9.26 करोड़ किसान अब इस निधि के प्रत्यक्ष लाभार्थी बन चुके हैं, जिससे उनके व्यावसायिक जोखिम कम होंगे। इस निधि से छोटे एवं मध्यम किसानों को बीज, उर्वरक और आधुनिक तकनीक में निवेश करने की सुविधा मिलेगी। भारत के कृषि उत्पादन में सुधार की दिशा में यह कदम एक रणनीतिक पहल माना जा सकता है। वाराणसी जैसे सांस्कृतिक केंद्रों में इस योजना का प्रदर्शन स्थानीय जनता को सकारात्मक रूप से प्रेरित करता है। हालांकि, फंड के वितरण में कभी-कभी ब्यूरेक्रेसी या सिस्टम गड़बड़ी की शिकायतें आती हैं, लेकिन तकनीक के विकास से इन्हें कम किया जा रहा है। राज्य स्तर पर कृषि विभागों ने इस निधि के उपयोग के लिए विस्तृत गाइडलाइन जारी की हैं, जिससे किसानों को स्पष्ट दिशा मिलती है। इस योजना का लाभ उठाने के लिए किसान को ऑनलाइन पोर्टल पर पंजीकरण करना अनिवार्य है, जिससे उनकी पहचान सत्यापित हो सके। इस प्रक्रिया में डेटा सुरक्षा और गोपनीयता की भी विशेष देखभाल की जा रही है। कुल मिलाकर, यह निधि भारत के ग्रामीण विकास के लक्ष्य को शीघ्रता से प्राप्त करने में सहायक होगी। आशा है कि भविष्य में भी ऐसी ही योजनाएँ जारी रहेंगी और किसानों की आवाज़ अधिकतम नीतियों में परिलक्षित होगी।

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    guneet kaur

    जून 18, 2024 AT 22:00

    इसी तरह के बड़े-चुड़ैलों का इंतजाम जनता को नहीं चाहिए!

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    PRITAM DEB

    जून 18, 2024 AT 23:00

    किसान सम्मान निधि का यह कदम ग्रामीण अर्थव्यवस्था को स्थायी समर्थन प्रदान करता है। समय पर वितरण से फसल उत्पादन में सुधार की संभावना बढ़ेगी।

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    Saurabh Sharma

    जून 19, 2024 AT 00:00

    डिजिटल ट्रांसफर प्रोटोकॉल को इंटीग्रेट करके डिस्बर्समेंट एफ़िशिएंसी को ऑप्टिमाइज़ किया गया है इस स्कीम में क्योंकि लेनदेन लागत घटेगी और स्केलेबिलिटी बढ़ेगी

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    Suresh Dahal

    जून 19, 2024 AT 01:00

    इस योजना के माध्यम से किसानों को प्राप्त होने वाला वित्तीय समर्थन राष्ट्रीय विकास रणनीति के अनुरूप है। इसके प्रभाव का मूल्यांकन करने हेतु आगे विश्लेषणात्मक रिपोर्ट जारी की जाएगी।

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    Krina Jain

    जून 19, 2024 AT 02:00

    इस निधी से किसान भाईयों को बहरिया मदद मिलेगी परन्तु कुछ एरर तो रह सकती है

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    Raj Kumar

    जून 19, 2024 AT 03:00

    क्या वाकई में यह 20,000 करोड़ का वितरण किसान के हाथों तक पहुँचेगा, या फिर यह फिर से एक राजनीतिक स्टेज शो बन जाएगा? बड़े दिखावे के पीछे अक्सर झूठी आशा छुपी होती है।

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    venugopal panicker

    जून 19, 2024 AT 04:00

    विघटित भारत की गठरी में यह कदम एक चमकती हुई रौशनी की तरह है, जो किसानों के भविष्य को नई संभावनाओं से सजा रहा है। इस पहल से ग्रामीण उद्यमिता की ज्वाला जल उठेगी।

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    Vakil Taufique Qureshi

    जून 19, 2024 AT 05:00

    मैं देखता हूँ कि कई बार ऐसी योजनाएँ अपेक्षित प्रभाव नहीं देतीं। तथ्यों की जांच के बिना समर्थन करना जोखिमपूर्ण हो सकता है।

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    Jaykumar Prajapati

    जून 19, 2024 AT 06:00

    तकनीकी एकीकरण की वजह से जमाख़र्चे में कटौती हुई है, लेकिन फिर भी डिस्बर्समेंट की गति कुछ क्षेत्रों में धीमी है। इसलिए हमें क्षेत्रीय बाधाओं को समझना और समाधान निकालना जरूरी है।

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    PANKAJ KUMAR

    जून 19, 2024 AT 07:00

    हमें मिलकर इस निधि की प्रभावशीलता को मापना चाहिए और अगर कोई कमी दिखे तो सुधार की दिशा में कदम उठाने चाहिए।

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    Anshul Jha

    जून 19, 2024 AT 08:00

    देश की प्रगति में किसान ही धरोहर हैं इस निधि से उन्हें सशक्त बनाओ

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    Anurag Sadhya

    जून 19, 2024 AT 09:00

    यह पहल किसान समुदाय के लिए एक सकारात्मक संकेत है 😊। यदि सही तरीके से लागू की जाए तो ग्रामीण क्षेत्र की समृद्धि में योगदान देगा।

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    Sreeramana Aithal

    जून 19, 2024 AT 10:00

    बाजार में धुंधली राजनीति का तूफ़ान है और यह योजना सिर्फ एक चमकदार पुतला है, असली बदलाव तो जमीन से जड़ें घसीटने पर ही आएगा।

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    Anshul Singhal

    जून 19, 2024 AT 11:00

    किसान सम्मान निधि की 17वीं किस्त का उद्घाटन एक महत्वपूर्ण राजनीतिक संकेत है। यह संकेत ना केवल आर्थिक समर्थन बल्कि सरकार की कृषि नीतियों में प्रतिबद्धता को भी दर्शाता है। किसानों को सीधे बैंक में भुगतान करने की प्रक्रिया ने मध्यस्थों को हटाकर पारदर्शिता को बढ़ाया है। इस प्रक्रिया में डिजिटल इंटरफ़ेस का उपयोग किया गया है, जिससे समय पर वितरण संभव हो सका। हालांकि, बुनियादी संरचना में अभी भी कई गड़बड़ियाँ हैं, जैसे कुछ क्षेत्रों में बैंकिंग सुविधाओं की कमी। इन चुनौतियों को दूर करने के लिए स्थानीय प्रशासन को सक्रिय भूमिका निभानी चाहिए। अंत में, अगर इस योजना का प्रभावी ढंग से उपयोग किया गया तो भारतीय कृषि की उत्पादकता में उल्लेखनीय सुधार सम्भव हो सकता है।

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    DEBAJIT ADHIKARY

    जून 19, 2024 AT 12:00

    यह निधि ग्रामीण विकास के लक्ष्य को साकार करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकती है। उचित निगरानी के साथ इसका लाभ अधिकतम किया जाना चाहिए।

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    abhay sharma

    जून 19, 2024 AT 13:00

    उफ़ क्या बात है आपका देखो हम तो बस बिनाबत के चिल्ला रहे हैं

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