हाथरस, उत्तर प्रदेश का एक प्रमुख जिला, अपने प्राचीन इतिहास और विविध पर्यटन स्थलों के लिए जाना जाता है। यह जिला कई सदियों से विभिन्न राजवंशों के अधीन रहा है, जिनमें जाट, कुषाण, गुप्त और मराठा शामिल हैं। इस ऐतिहासिक पृष्ठभूमि ने हाथरस को एक सांस्कृतिक महत्त्व और गौरव प्रदान किया है।
हाथरस का सबसे प्रसिद्ध मंदिर, श्री दाऊजी महाराज मंदिर, लगभग 275 साल पुराना है। इस मंदिर की मान्यता है कि जो भी व्यक्ति यहाँ आस्था के साथ आता है, उसकी सभी मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं। यह मंदिर ब्रिटिश औपनिवेशिक काल में भी अपनी ऐतिहासिकता को बनाए रखने में सफल रहा। ब्रिटिशों के द्वारा इस मंदिर को नष्ट करने के प्रयास भी किए गए थे, लेकिन मंदिर की पवित्रता और आस्था ने इसे सुरक्षित रखा।
हाथरस के महमूदपुर गांव में स्थित मा कंकाली देवी मंदिर भी एक प्रमुख धार्मिक स्थल है। यह मंदिर शांति और विविध देवी-देवताओं की उपस्थिति के लिए जाना जाता है। यहाँ आने वाले श्रद्धालु अपने मन की शांति और मानसिक शीतलता के लिए इस मंदिर की विशेष महत्वता मानते हैं।
हाथरस में विभिन्न धार्मिक सम्प्रदायों का मेल-जोल देखने को मिलता है। हसन शाह बिलाली दरगाह यहाँ के प्रमुख मुस्लिम धार्मिक स्थलों में से एक है। यह दरगाह स्थानीय मुस्लिम समुदाय के लिए आस्था और विश्वास का प्रतीक है और हर साल यहां बड़ी संख्या में श्रद्धालु आते हैं।
हाथरस का गुलाल उद्योग लगभग 90 साल पुराना है और अपनी उच्च गुणवत्ता और रंगीन उत्पादों के लिए दुनियाभर में प्रसिद्ध है। इस उद्योग के कारण हाथरस की पहचान अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी है। स्थानीय निवासी और पर्यटक यहीं से गुलाल खरीदते हैं, जो विभिन्न त्योहारों में उपयोग होता है।
इसके अलावा हाथरस में मुरसान का किला भी एक महत्वपूर्ण दर्शनीय स्थल है। यह किला राजा महेंद्र प्रताप सिंह द्वारा बनवाया गया था और इसके ऐतिहासिक महत्त्व के कारण इसे देखने लोग दूर-दूर से आते हैं। मंगालयतन तीर्थ भी जैन समुदाय के लिए प्रमुख तीर्थस्थल है, जो 16 एकड़ में फैला हुआ है।
हाथरस की सांस्कृतिक विरासत भी बहुत खास है। यहाँ विभिन्न प्रकार के त्योहार पूरे उल्लास के साथ मनाए जाते हैं। इनमें से एक प्रमुख त्योहार है लक्ष्मी मेला, जो हर साल सितंबर में आयोजित होता है। इस मेले में स्थानीय और बाहरी श्रद्धालु बड़ी संख्या में शामिल होते हैं और विभिन्न प्रकार के सांस्कृतिक कार्यक्रमों का आनंद लेते हैं।
हालांकि हाथरस का समृद्ध इतिहास और संस्कृति इसे विशेष बनाती हैं, लेकिन यहां हाल ही में एक दुर्घटना ने सुरक्षा व्यवस्थाओं को लेकर सवाल खड़े कर दिए हैं। इस दुर्घटना में 100 से अधिक जानें गईं, जिसने प्रशासन को सुरक्षा उपायों में सुधार की आवश्यकता का एहसास कराया है। स्थानीय प्रशासन और सरकार को इस दिशा में आवश्यक कदम उठाने की आवश्यकता है ताकि यहां आने वाले पर्यटक और निवासी सुरक्षित महसूस कर सकें।